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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

चक्रेश्या प्रकतेड्यया त्रिपुरया त्रैलोक्य-सम्मोहनं

चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं

हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना

Shiva once the death of Sati experienced entered right into a deep meditation. With no his Electrical power no development was doable which resulted in an imbalance in the universe. To bring him out of his deep meditation, Sati took birth as Parvati.

शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

From the pursuit of spiritual enlightenment, the journey begins While using the awakening of spiritual consciousness. This Preliminary awakening is important for aspirants who're within the onset of their path, guiding them to acknowledge the divine consciousness that permeates all beings.

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

here श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual expansion plus the attainment of worldly pleasures and comforts.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

Chanting this mantra is believed to invoke the combined energies and blessings of your goddesses connected to Just about every Bija mantra. It may be used for various applications which include attracting abundance, trying to get awareness, invoking divine femininity, and fostering spiritual expansion and transformation.

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